Saturday 26 December 2015
48 साल का यह भिखारी नौकरी के लिए कर रहा है कानून की पढ़ाई।
एक अदद नौकरी के लिए आज लोग क्या-क्या नहीं करते। लेकिन जयपुर के रहने वाले शिव सिंह जो कुछ भी कर रहे हैं, वह वाकई आश्चर्यजनक है। 48 साल उम्र के शिव सिंह सुबह से अलग-अलग जगहों पर भीख मांगते हैं और दिन के ठीक 3 बजे राजस्थान विश्वविद्यालय के कॉलेज कैम्पस पहुंच जाते हैं। अपने पुराने और फटे हुए झोले में किताबें भरकर।
जी हां, भीख मांग कर अपना जीवन-यापन करने वाले शिव सिंह इन दिनों कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। यह अलग बात है कि उनके शिक्षकों और सहपाठियों को कभी नहीं लगा कि शिव सिंह एक भिखारी हैं। वह न केवल अपने क्लास में नियमित हैं, बल्कि जब कभी क्लास नहीं होता, तो वह लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई करते हैं।
पुराने दिनों को याद कर शिव सिंह कहते हैं कि उनके पिता मजदूर का काम करते थे और इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाई का खर्च वहन किया था। बचपन में शिव सिंह खुद मजदूरी किया करते थे। युवा शिव सिंह ने गंगापुर सिटी के गवर्मेन्ट कॉलेज से पढ़ाई की। फिर शादी की और बच्चे भी हुए। लेकिन हाथों में खराबी आने की वजह से बाद में वह मजदूरी का काम भी नहीं कर सके।
हालात इस कदर खराब हुए कि पत्नी और बच्चे उन्हें छोड़ गए। और कोई दूसरा उपाय न देख शिव सिंह ने भीख मांगना शुरू कर दिया। भीख में मिले रुपयों से उन्होंने अपने लिए कानून की किताबें खरीदी हैं और अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं, ताकि कोर्ट में नौकरी मिल सके।
Source: Danik Bhaskar |
जी हां, भीख मांग कर अपना जीवन-यापन करने वाले शिव सिंह इन दिनों कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। यह अलग बात है कि उनके शिक्षकों और सहपाठियों को कभी नहीं लगा कि शिव सिंह एक भिखारी हैं। वह न केवल अपने क्लास में नियमित हैं, बल्कि जब कभी क्लास नहीं होता, तो वह लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई करते हैं।
पुराने दिनों को याद कर शिव सिंह कहते हैं कि उनके पिता मजदूर का काम करते थे और इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाई का खर्च वहन किया था। बचपन में शिव सिंह खुद मजदूरी किया करते थे। युवा शिव सिंह ने गंगापुर सिटी के गवर्मेन्ट कॉलेज से पढ़ाई की। फिर शादी की और बच्चे भी हुए। लेकिन हाथों में खराबी आने की वजह से बाद में वह मजदूरी का काम भी नहीं कर सके।
हालात इस कदर खराब हुए कि पत्नी और बच्चे उन्हें छोड़ गए। और कोई दूसरा उपाय न देख शिव सिंह ने भीख मांगना शुरू कर दिया। भीख में मिले रुपयों से उन्होंने अपने लिए कानून की किताबें खरीदी हैं और अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं, ताकि कोर्ट में नौकरी मिल सके।
भारत के मूर्तिकार ने बनाया विश्व का सबसे बड़ा संता क्लॉस बनाने का रिकॉर्ड
भारत में ओडिशा के सुदर्शन पटनायक ने बनाया संसार का सबसे बड़ा संता क्लॉस ,सुदर्शन पटनायक मूर्तिकार हैं ।
image via facebook.com/DawnTechServices सुरदर्शन ने 'सांता क्लॉस' की 45 फुट ऊंची मूर्ति बनायीं । और उन्होंने इस विश्व रिकार्ड को लिम्का बुक में दर्ज कराने के लिए अपील की है। उन्होंने ये कारनामा पुरी के सुदर्शन रेत कला संस्थान में अपने 20 छात्रों की मदद से पूरा किया ।इसके लिए उन्हें लगभग दो दिन और 22 घंटे लगे । वह इससे पहले भी 2011 में सांता क्लॉज़ की 35 फ़ीट ऊँची मूर्ति बना चुके हैं ।
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हुनर | बिना एक भी पैसा खर्चे 365 महिलाओं से कर रहा है डेटिंग
पेशे से एक फोटोग्राफर और एक्टर सुन्दर रामू नाम के एक व्यक्ति ने एक साल में 365 महिलाओं को डेट करने का टारगेट बनाया है। उन्होंने इस साल निश्चय किया था कि वे एक साल में प्रतिदिन एक महिला को डेट करेंगे और उसमें एक भी रुपए का बिल नहीं अदा करेंगे। अबतक वे 113 से ज्यादा महिलाओं को डेट कर चुके हैं।
image source:ajeybharat.com |
सुन्दर के प्रतिदिन एक महिला के डेट करने के पीछे एक नेक कारण छुपा है। प्रतिदिन एक महिला द्वारा खाना खिलाने से सुन्दर के जो पैसे बचते हैं वे उन्हें हर महीने किसी एक एनजीओ के बच्चों को खाना के लिए दान करते हैं उनके साथ बैठकर खाना खाते हैं।
सुन्दर को क्लब जाना बोरिंग लगता था इसलिए उन्होंने यह नायाब तरीका निकाला जिसमें वे हर दिन किसी न किसी महिला को डेट करने का फैसला किया। उनके लिस्ट में 105 साल से लेकर 21 साल की महिला शामिल है जिनके साथ डेट पर जाने में सुन्दर को कोई परेशानी नहीं है। इसके साथ ही इस लिस्ट में कूड़ा इकट्ठा करने वाली महिला से लेकर सेलिब्रिटी तक शामिल हैं।
सुन्दर अब तक बॉलीवुड और टॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों जिनमें बॉलीवुड अभिनेत्री श्रेया शरन, लक्ष्मी प्रिया शामिल हैं, को डेट कर चुके हैं।
गाय का घी है चमत्कारी | आप भी जाने इसके फायदे
गाय का घी सच में चमत्कारी आईये आप भी जानिए इसके फायदे
आयुर्वेद में गाय के घी को अमतृ समान बताया गया है। जिस प्रकार गाय के घी में ऊर्जा होती है । उसे खाने वालो के शरीर में भी वही ऊर्जा जाती है ।
गाय के घी में बहुत से रोगो से लडने के अद्धभुत गुण भी पाये जाते हैं ।
आयुर्वेद में गाय के घी को अमतृ समान बताया गया है। जिस प्रकार गाय के घी में ऊर्जा होती है । उसे खाने वालो के शरीर में भी वही ऊर्जा जाती है ।
गाय के घी में बहुत से रोगो से लडने के अद्धभुत गुण भी पाये जाते हैं ।
- *- पाचन शक्ति बढ़ाये ।
- *- वजन को नियंत्रित करता है ।
- *-कोलॅस्ट्रोल कम करता है ।
- *-कैंसर से लड़ने में कारगर होता है ।
- *-दिल के लिए फायदेमंद होता है ।
- *-इमयुन सिस्टम मजबूत करता है ।
- *-त्वचा में निखार लाता है ।
- *-माइग्रेन की समस्या से बचाता है ।
- *-गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
- *-गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी कम हो जाती है।
- *-गाय का घी नाक में डालने से लकवा रोग का भी उपचार होता है।
- *-घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
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आत्माओं से बातें करती हैं ये गुड़िया!
अगर आप हॉन्टेड प्लेस देखने के शौकीन हैं, या ऐसी जगह घूमने की आपकी इच्छा है तो फिर ये जगह आपके लिए बिल्कुल ठीक है. यह जगह है मेक्सिको का डॉल्स (गुड़िया) आइलैंड.
एक वक्त में ये बेहद खूबसूरत जगह हुआ करती थी लेकिन आज यहां पर गुड़ियों का बसेरा है. मेक्सिको सिटी के दक्षिण में जोचिमिको कनाल में एक छोटा सा द्वीप है.
2001 के बाद से यह जगह एकदम से चर्चाओं में आ गई. वजह थी 'डरावनी गुड़िया'. तस्वीरों में आप देख सकते हैं यह द्वीप डरावनी गुड़ियों से भरा पड़ा है. 1990 में जोचिमिको कनाल की सफाई के वक्त यह लोगों की नजर में आया.
यह द्वीप 'ला इस्ला डे ला म्यूनेकस' नाम से मशहूर है.आज भले ही ये टूरिस्टों के आकर्षण का केंद्र है, लेकिन बिना गाइड यहां घूम पाना नामुमकिन है. सरकारी दस्तावेजों में इसे हॉन्टेड करार नहीं दिया गया है लेकिन स्थानीय बताते हैं कि पेड़ों पर लटकी दर्जनों गुड़िया आपस में बातें करती है.
उनके मुताबिक, इन गुड़ियों में प्रेतात्मा का वास है. वे इशारों में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.कुछ लोग जो यहां पर घूमने आए थे उन्होंने बताया कि
इनकी आंखों की पुतलियां तक घूमती हैं.
गुड़िया में बसी है बच्ची की आत्मा
आपको बता दें कि ये द्वीप हमेशा से ऐसा नहीं था. करीबन डेढ़ दशक पहले ये साधारण द्वीप हुआ करता था. ऐसे में सवाल उठता है कि इस द्वीप पर इतनी मात्रा में गुड़िया कैसे पहुंची. इसे किसने लटकाया और उसके पीछे क्या कारण था. इसके पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है.
लोगों के मुताबिक, इन गुड़ियों में एक छोटी बच्ची की आत्मा है, जिसकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी. डॉन जूलियन सैन्टाना बरेरा 2001 तक इस द्वीप का केयर टेकर था.
वह इस जगह अकेले रहते थे. उसकी मौत के बाद से ये हॉन्टेड जगह बन गई. बताया जाता है कि जूलियन को एक बच्ची की तैरती हुई लाश मिली थी. तब उसकी सांसे चल रही थी लेकिन जूलियन उसे बचा पाने में नाकाम रहे.
कहते हैं बच्ची की मौत के बाद एक गुड़िया भी बहती हुई आई. जूलियन ने इसे बच्ची की गुड़िया समझ उसे उसी पेड़ पर लटका दिया, जहां बच्ची ने दम तोड़ा था. उसे एक के बाद एक कई गुड़िया मिलती चली गई.
वह बच्ची के आत्मा की शांति के लिए उसे पेड़ पर लटकाते गए हालांकि, लोगों का मानना है कि जूलियन को उस बच्ची को बचा नहीं पाने का पछतावा था.
जेल में एक महीने में 62 बीयर पी जाता था हिटलर!
इतिहासकार पीटर फ्लेइतिहासकार पीटर फ्लेश्चमैन ने खुलासा किया है कि हिटलर जेल में बंद रहने के दौरान वीआईपी ट्रीटमेंट पाता था।
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अभी तक हमें ये पता है कि हिटलर सत्ता में आने से पहले जिस समय जेल में बंद था, उसके साथ बुरा व्यवहार होता था। ये वो समय था, जब उसने मीन कैंफ नाम से अपनी आत्मकथा लिखी थी। पर इतिहासकार पीटर फ्लेश्चमैन ने खुलासा किया है कि हिटलर जेल में बंद रहने के दौरान वीआईपी ट्रीटमेंट पाता था। यही नहीं, वो माह में 62 बीयर की बोतलों का ऑर्डर देता था, तो हर रोज उससे मिलने कम से कम एक व्यक्ति आता था।राजनीतिक बंदी के दौरान हिटलर और उसके नाजी साथी जेल में अच्छी सुविधाएं पा रहे थे।
अधिकारी उसके साथ अदब से पेश आते थे, जबकि उसके साथ ही जेल में बंद कम्युनिस्टों को घास भी नहीं डालते थे। ये 1920 का दशक था। जब वर्साय की संधियों का विरोध करने के बाद हिटलर का उफान हुआ था और वो जर्मनी में सनसनी बनकर उभरा था। उसकी नाजी पार्टी के समर्थकों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही थी।